प्यारे काकाजी और काकीजी को,
बधाई हो बधाई,
विवाह की वर्षगांठ आई,
बधाई हो बधाई।
तेरा आभार कैसे मानुं मेरे नाथ,
आज वह घड़ी पुनः है आई,
जब कलयुग में तुने,
एक अपने जैसी जोड़ी बनाई।
५१ वर्षों का है यह प्यारा सा साथ ओ! दीनानाथ,
अपने वरदहस्त की छाया तु,
सदा रखना इनके साथ।
तेरे आगे शीश नवाके विनती करे ‘कल्याणी’,
अपने जैसी अमर कर दे तु,
मेरे काकाजी और काकीजी की जोड़ी,
मां उमा सा अखंड कर दे तु,
मेरी काकीजी का सुहाग ओ! मेरे नाथ।
प्यारे काकाजी और काकीजी को,
बधाई हो बधाई,
विवाह की वर्षगांठ आई,
बधाई हो बधाई।