बचपन में सबको अच्छी लगती,

कहानी परियों की.

सब ने की होगी हठ दादी और नानी से,

आज सुनाओ एक कहानी परियों की.

लेकिन क्या कहानी सुनते हुए तुम ख्यालों में खोए हो?

क्या कभी उस परी रूप में तुमने खुद को देखा है?

हां मैंने देखा है.

आओ तुमको मैं अपना परीलोक दिखलाती हूं,

अपने प्यारे प्यारे दोस्तों से मिलाती हूँ.

मेरे परीलोक में ढेरों सुंदर तोतों का बसेरा है,

जिनके लिए मैंने रसीले मीठे फलों का बड़ा सा बाग लगाया है,

जिसमें मैं अपने उन दोस्तों संग समय बिताती हूंँ,

उनके संग मैं भी रसीले फलों का आनंद उठाती हूं,

जब तक चलती वह कहानी परियों की.

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