सारी दुनिया खुशियों में आकंठ डूबी है,
लेकिन इन आंखों में पानी है,
दुनिया एक पौधा सजाकर झूम रही है,
मुझे तो आपकी अनुपस्थिति में,
आपकी छवि सजानी है.
लेखनी उठाई मैंने क्योंकि,
जिस प्रतिभा से परिचय कराया आपने,
उसी के माध्यम से जयंती पर आप तक श्रद्धांजलि पहुंचानी है.
जन्मोत्सव मनाती थी खुशी खुशी,
लेकिन आपके बिना अब जयंती मनानी है,
इसी कारण आज इन आंखों में पानी है.