आपका जन्मदिन है आया,
संग खुशियों की बहार लाया,
प्रभात में चहकती चिड़ियों के हाथों,
मां शारदा ने अपने लाडले को बधाई संदेश भिजवाया।
देवों के अनुरोध पर सूर्य देव ने,
अपनी लालिमा से जान्हवी बंगलोज़ का कोना कोना सजाया,
चांद तारों ने भी उनका हाथ बटाया।
अपने अपने तरीके से सब देंगे आपको बधाई,
मैंने भी बधाई देने को लेखनी उठाई।
पर लेखनी उठाते ही अंतर्मन में एक शोर दिया सुनाई,
मानो आदर और स्नेह की सुनामी हो आई,
कहां से शुरू करूं और कहां करूं अंत,
यह बात मेरी समझ में ना आई,
स्वस्थ और शतायु हो आपका जीवन,
कल्याणी ने महादेव से बस इतनी गुहार लगाई।